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Friday, June 15, 2012

जयचंदों, मीरज़ाफ़रों का प्रतिकार होना चाहिए


जयचंदों, मीरज़ाफ़रों का प्रतिकार होना चाहिए,
उठा लो शस्त्र हर गद्दार पे अब वार होना चाहिए,

मिटा दो रास्ते सारे जो कायरता सिखाते हैं,
मार्ग शहीदों का ही अब स्वीकार होना चाहिए,

गिडगीडा के माँगॉगे तो भीख दे दी जाएगी,
हक़ के लिए आवाज़ मे, अधिकार होना चाहिए,

हाय बाय को आधुनिकता कहना तुम्हारी भूल है,
संबोधन मे "जय हिंद" का जयकार होना चाहिए

देश के दलालों का सम्मान, नोंच-पोंछ दो
हर चौराहे पे इनका अब तिरस्कार होना चाहिए, 

माँ भारती को बेचते, लजाते नही हैं जो,
उन्ही के रक्त से माँ के चरणों, का सिंगार होना चाहिए, 

जो खुद चल नही पाते, वो क्या देश सम्भालेंगे,
नेता सुभाषचंद्र बोस सा दमदार होना चाहिए,

Wednesday, June 13, 2012

आज "जय श्रीराम" कहने या भगवा धारण करने वाला हमारे देश में साम्प्रदायिक


आज "जय श्रीराम" कहने या भगवा धारण करने वाला हमारे देश में साम्प्रदायिक हो जाता है यदि नरेन्द्र मोदी टोपी पहनने से मना करते है वे सेक्युलर नहीं है ....भाइयो यदि आप हमे टोपी पहनने की इच्छा रखते है तो तिलक और भगवा धारण करने का साहस आपने अंदर उत्पन्न कीजिए
दोहरे मानदंड अब और नहीं चलेगें| वैसे तो सेकुलरिज्म का शाब्दिक अर्थ पंथनिरपेक्षता है किन्तु राजनैतिक अर्थ "तुष्टिकरण" हो गया है| नेताओ ने मुस्लिमो की बुद्धि भ्रष्ट कर दी है या वे स्वयं भ्रष्टबुद्धि है नेता चाहे जितना भ्रष्ट और चोर हो मुल्ला-टोपी पहनले तो उतने मात्र से वो महान हो जाता है और बन जाते है वोट बैंक| इसी लिये एक हिन्दुवादी गर्व से कहता है मै देश भक्त हूँ चाहे कोई कैसी भी टोपी पहने| ..........जय श्री कृष्ण
December 29, 2011