मेरे लिए
धर्म का अर्थ बहुत व्यापक है मै इसे केवल Religion शब्द का हिन्दी अनुवाद मात्र नहीं मानती| धर्म
शब्द के प्रति भ्रम की यह स्थिति क्षद्म सेक्युलरो(pseudo-secular) के द्वारा उत्पन्न की गई है आज के युवाओ को धर्म
शब्द का अर्थ अंग्रेजी का शब्दकोश बताता है शायद हम ही अपनी संस्कृति को पूरी तरह
नहीं समझ पाए 'धर्म' का
जब से 'रिलीजन' में अनुवाद हुआ तब से
तो इसका अर्थ यही लगाया जाने लगा कि यह एक विशेष प्रकार की पूजा-आराधना पद्धति में
आस्था-विश्वास रखने वाले तथा एक प्रकार के
मार्ग पर यंत्रवत चलने वाला तथा संप्रदाय विशेष है |
धर्म एक संस्कृत शब्द है जिसका आज तक किसी अन्य भाषा
में अनुवाद हो ही नहीं पाया। धर्म का अर्थ बहुत व्यापक है धर्म एक ऐसा आधार है जिस पर सत्य, त्याग,बुद्धि, विवेक,
चरित्र, शील, निष्ठा,
सेवा, नैतिकता और कर्तव्यपरायणता आदि जैसे गुण
पोषित और विकसित होते हैं धर्म का अर्थ तो इतना व्यापक है कि उसकी सीमा तो इस धरती
पर तो है ही नहीं|
धर्म के बिना जीवन का कोई अस्तित्व नहीं।
#### तू क्यों पूरब में उगता है? तू
क्यों पश्चिम में डूबता है? क्या है मजबूरी तेरी जो इस बंधन
में रहता है?तू जग को जीवन देता है, तू
जग को किरणें देता है, तू जग को आशा देता है, तू जग को कर्म सिखलाता है क्या ये तेरी मजबूरी है, जो
बिना थके बिना रुके, सदियों से चमक रहा गगन में?, या भुगत रहा है कोई अभिशाप? , अगर ये है तेरी सच्ची
सेवा, तो तू क्यों नहीं यह मानव को सिखलाता है?( from 'sarapyar.blogspot.com' by 'vidhya' )####
मै धर्मज्ञ मनु तो नहीं बन सकती लेकिन सरल शब्दों
यही धर्म है|
कुछ मानव यह इसलिए नहीं सीख पा रहे है क्योकि
अधर्मियो ने धर्म को साम्प्रदायिकता नाम कि गाली दे कर अपना नाम सेक्यूलरिज्म
(यानि कुकुर पंथ ) रख कर लोगो को भ्रमित कर दिया है
धर्मज्ञ स्वायम्भु मनु के वचन "धर्मो रक्षति रक्षितः". जो धर्म की
रक्षा करता है वह स्वयं रक्षित होता है यह सूत्र हमारे बीच आज ही उत्पन्न नहीं हुआ
इसका इतिहास काल गणना तो मै भी नहीं जानती | लेकिन
आज तक इस सूत्र से कोई जिहादी या ओपसडेई
उत्पन्न नहीं हुआ|
धर्म का एकमेव लक्ष्य ही "सर्वे भवन्तु
सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया" है रिलीजन शब्द से एक ऐसे संकुचित व अपूर्ण भाव
का बोध होता है की उसमें धर्म तत्त्व समाहित नहीं होता | विश्व पटल पर रिलीजन केवल मतान्ध लोगो फ़ौज बना रहा
है धर्म और religion
में धरती और आकाश जैसा अन्तर है| धर्म
को religion
कहना धर्म का अपमान है धर्म अनन्त है|
भाइयो
आपसे निवेदन है धर्म का अर्थ अपनी संस्कृति और ग्रंथो से सीखिए Oxford
या Merriam-Webster Dictionary से नहीं| आप
को विश्व विजय करना है तो सहर्ष कीजिये मुझे कोई आपति नहीं है लेकिन अपनी संस्कृति
सभ्यताओं और मूल्यों के साथ खिलवाड़ न करे
यथार्थ जाने और उसे आत्मसात करे|( द्वारा वर्षा
सिंह चौहान )
धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः ।
तस्माद्धर्मो न हन्तव्यः मानो धर्मो हतोवाधीत् ॥
*****धर्मो रक्षति रक्षितः*****.
जो धर्म की रक्षा करता है वह स्वयं रक्षित होता है||
यह मेरे जीवन का सूत्र है
Please do not put side by side with
Religion