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Saturday, December 24, 2011

हे प्रभु मूर्खो को सदबुद्धि दो





हमारा देश 1947 को स्वतंत्र हो गया था किन्तु कुछ जीव-जंतु आज भी ब्रितानिया सभ्यता की मानसिक गुलामी कर रहे है "अभी कुछ दिनों में ईसाई नववर्ष का आगमन होने वाला है उसके आने से पहले ही सभी अँग्रेजी जीव-जंतु एक स्वर में बांग देने लगेंगे; विक्षिप्त अवस्था में ....एक दूसरे को बधाइयाँ देंगे" ........ ऐसे सभी जीव-जंतु-पशु-पक्षियों से हार्दिक निवेदन है की कृपया अपनी इसाइयत में हमें लपेटने का अधम और कुत्सित प्रयास न करें| यदि कोई भूलवश ऐसा कुकृत्य करता है तो मेरा पूरा प्रयास रहेगा की इस बार भी मै इन विदेशी जीव-जंतुओ की भारतीय नस्ल को खुद से दूर रखु और यदि कुकुरपंथी(क्षद्म-सेक्युलर) समाज को मेरे इस कार्य से सद्भावना की कमी महसूस हो रही है तो सद्भावना भी बराबर से होती है जब "मेरा तेरा नहीं" तो "तेरा मेरा नहीं" ... इससे अधिक बहस की आवश्यकता नहीं | धन्यवाद

सभी मित्रजनो व आदरणीयजनों से मेरी विनम्र प्रार्थना है आप सब भी इस अधम और कुत्सित प्रयासो से दूर रहे.... क्यों की जब तक यह चलेगा यही प्रतीत होगा की सत्ता हस्तांतरण के बाद भी हम "दास मानसिकता" से चिपके है;... हमें अपनी संस्कृति और सभ्यता को सम्मान देना चाहिये; व् पश्चिमीकरण से विमुख रहे....

......... वन्देमातरम
........ जय श्री कृष्ण

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