Pages

Wednesday, November 30, 2011

डा. राजीव राधेश्याम दीक्षित को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि


राष्ट्र भक्त, प्रखर प्रवक्ता, चिँतक, विद्वान और वैज्ञानिक डा. राजीव भाई दीक्षित को प्रथम पुण्यतिथी पर अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि. मित्रों अपनी संस्कृति से जुडिये, स्वदेशी अपनाइये... राष्ट्र भक्त बनिए, वन्देमातरम भारतमाता की जय
************
मन समर्पित तन समर्पित और यह जीवन समर्पित
चाहता हूँ मातृ-भू तुझको अभी कुछ और भी दूँ ॥
माँ तुम्हारा ऋण बहुत है मैं अकिंचन
किन्तु इतना कर रहा फिर भी निवेदन
थाल में लाऊँ सजाकर भाल जब
स्वीकार कर लेना दयाकर यह समर्पण
गान अर्पित प्राण अर्पित रक्त का कण-कण समर्पित ॥१॥
माँज दो तलवार को लाओ न देरी
बाँध दो कसकर कमर पर ढाल मेरी
भाल पर मल दो चरण की धूलि थोड़ी
शीष पर आशीष की छाया घनेरी
स्वप्न अर्पित प्रश्न अर्पित आयु का क्षण-क्षण समर्पित ॥२॥
तोड़ता हूँ मोह का बन्धन क्षमा दो
गाँव मेरे व्दार घर आँगन क्षमा दो
आज सीधे हाथ में तलवार दे दो
और बाएँ हाथ में ध्वज को थमा दो
ये सुमन लो ये चमन लो नीड़ का तृण-तृण समर्पित ॥३॥
कवि --आदरणीय श्री रामअवतार त्यागी

Rajiv Radheshyam Dixit Hindi:राजीव राधेश्याम दीक्षित was an Indian orator. He started social movements in order to spread awareness on topics of Indian national interest through the Swadeshi Movement, Azadi Bachao Andolan, and various other works.He served as the National Secretary of Bharat Swabhiman Andolan he is the founder of bharat swabhimaan andolan ] He was a strong believer and preacher of Bharatiyata. He had also worked for spreading awareness about Indian history, issues in the Indian constitution and Indian economic policies.

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.